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Cryptocurrency: इस देश में क्रिप्टो के इस्तेमाल पर लगा प्रतिबंध! कहा- ‘मुस्लिमों के लिए क्रिप्टोकरेंसी हराम’

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नई दिल्ली। इस सदी के शुरुआती दशक से अभी तक क्रिप्टोकरेंसी ने कई तरह के बदलाव किए हैं। हालांकि अभी यह कॉन्सेप्ट ज्यादा नया नहीं है। लेकिन इसे लेकर अभी तक किसी तरह का कोई नियम-कानून भी नहीं बनाया गया है। सीधे जनमानस में इन दिनों क्रिप्टोकरेंसी की काफी तेज पकड़ बन गई है। इसमें कोई दोराय नहीं है कि क्रिप्टो ने बाजार में काफी तेजी से अपने पैर पसार लिए हैं। कई देशों में इसकी मौजूदगी है, और काफी बढ़-चढ़कर लोग इसमें निवेश भी कर रहे हैं। अकेले भारत में ही क्रिप्टो इकोसिस्टम से करोड़ों निवेशक जुड़ गए हैं। हालांकि, इसकी वैधता और नियमन को लेकर हर देश में बहस का जा रही है।

अल सल्वाडोर एक ऐसा देश बन गया है, जहां क्रिप्टो को ऑफिशियल करेंसी घोषित किया जा चुका है। वहीं, घाना सहित एक-दो और अफ्रीकी देश हैं, जहां क्रिप्टो के तर्ज पर अपनी खुद की क्रिप्टो करेंसी लाने की कोशिशें की जा रही हैं। ऐसे में दुनिया के सबसे बड़े मुस्लिम बहुल देश इंडोनेशिया के एक धार्मिक गुरुओं के परिषद का कहना है कि एक करेंसी के तौर पर क्रिप्टो संपत्ति का इस्तेमाल मुस्लिमों के लिए प्रतिबंधित है।

क्रिप्टोकरेंसी पर लगाया प्रतिबंध

Bloomberg रिपोर्ट के मुताबिक, इंडोनेशिया के नेशनल उलेमा काउंसिल की ओर से क्रिप्टोकरेंसी को हराम बताते हुए प्रतिबंधित घोषित कर दिया गया है। MUI ने कहा क्योंकि क्रिप्टोकरेंसी के चरित्र में अनिश्चितता, नुकसान और जुए बाजी जैसे तत्व शामिल किए गए हैं, इस वजह से यह मुस्लिमों के लिए हराम है। वहीं धार्मिक आदेश जारी करने वाली इस संस्था के प्रमुख असरोरुन नियाम शोलेह ने कहा कि यदि क्रिप्टोकरेंसी एक कमोडिटी या डिजिटल संपत्ति के तौर पर काम करें और इसमें शरिया कानूनों का पालन किया जाए। इसके साथ ही यदि इसमें साफ फायदा समझ आता है तो इसकी ट्रेडिंग भी की जा सकती है। हालांकि MUI के इस फैसले के बाद से यह साफ नहीं किया गया है कि इंडोनेशिया में क्रिप्टोकरेंसी पूरी तरह बैन की जाएगी या नहीं।

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