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Crypto: क्रिप्टोकरेंसी और डेमोक्रेसी के बीच पीएम नरेंद्र मोदी ने समझाया कनेक्शन

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नई दिल्ली। भारत में बिटकॉइन की जैसी क्रिप्टकरेंसी के ट्रेड को लेकर चल रही बहस जारी है। हालांकि क्रिप्टोकरेंसी को लेकर देश में अभी तक किसी तरह का कोई नियम नहीं बनाया गया है। संसद में शीतकालीन सत्र चल रहा है, माना जा रहा है कि इस दौरान सरकार क्रिप्टोकरेंसीज से जुड़ा बिल ला सकती है। इसी दौरान इस चीज को लेकर भी फैसला किया जाएगा कि देश में क्रिप्टोकरेंसीज को मान्यता दी जाए या नहीं। इस पर आखिरी फैसला पीएम नरेंद्र मोदी को लेना होगा। इसी बीच पीएम मोदी ने यह भी कहा है कि सोशल मीडिया और क्रिप्टोकरेंसीज का इस्तेमाल लोकतंत्र को मजबूत बनाने के लिए किया जाना चाहिए।

वहीं पीएम मोदी ने यूएन समिट फॉर डेमोक्रेसी के दौरान दिए जा रहे अपने बयान में कहा है कि सोशल मीडिया और क्रिप्टोकरेंसीज जैसी उभरती टेक्नोलॉजीज के लिए वैश्विक नियम बनाने के लिए दुनिया के सभी देशों को मिलकर काम करने की जरूरत है जिससे की इनका इस्तेमाल लोकतंत्र को सशक्त बनाने के लिए किया जा सके। उसे कमजोर करने के लिए नहीं।

देश में बिटकॉइन की लोकप्रियता

दुनियाभर में पिछले कुछ सालों से बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसीज की लोकप्रियता काफी बढ़ी है। भारत भी इन्ही देशों में शामिल है। इस मामले में इंडस्ट्री के सूत्रों के हवाले से सामने आई खबर के मुताबिक देश में 10 करोड़ से ज्यादा लोगों के पास क्रिप्टोकरेंसी है। जिसमें युवाओं के साथ सीनियर सिटीजंस भी शामिल हैं। देश में क्रिप्टो ऑनर्स की संख्या अमेरिका से अधिक है। क्रिप्टोकरेंसीज पर सरकार की ओर से अभी तक रुख साफ नहीं किया गया है। जिस वजह से क्रिप्टो ऑनर्स दुविधा में दि रहे हैं। इस पर देश के अलग-अलग रेग्युलेटर्स और एक्सपर्ट्स की ओर से भी अलग-अलग राय दी जा रही है।

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